लाइसेंस के बाद 18 माह में खोलने होंगे बैंक
नए बैंकिंग लाइसेंस पर आरबीआई ने जारी किया स्पष्टीकरण
नई दिल्ली। नए बैंक लाइसेंस को पूरी तरह से लागू होने में 18 महीने का समय लगेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक लाइसेंस की बाबत मांगी गई जानकारी के जवाब में अपने स्पष्टीकरण में यह बात कही है। इसका अर्थ यह हुआ कि संबद्ध पक्ष को लाइसेंस मिलने के बाद बैंक चालू करने के लिए एक साल की जगह अब 18 माह का वक्त मिल जाएगा। नए बैंक के लाइसेंस के लिए आवेदक 1 जुलाई तक अर्जी दे सकेंगे।
आरबीआई द्वारा जारी स्पष्टीकरण के अनुसार एनबीएफसी को अपना सारा कारोबार नई फाइनेंस कंपनी में ट्रांसफर करना होगा। नॉन ऑपरेटिव फाइनेंसियल होल्डिंग कंपनी (एनओएफएचसी) के ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। होल्डिंग कंपनी में कम से कम 51 फीसदी हिस्सा प्रोमोटर के पास होना चाहिए। होल्डिंग कंपनी का प्रोमोटर एक ही होगा।
आरबीआई के निर्देश के मुताबिक प्रोमोटरों को पिछले 3 साल का आईटी रिटर्न देना होगा। होल्डिंग कंपनी को सभी सेक्टर के रेगुलेटर की मंजूरी लेनी जरूरी होगी। जिस कंपनी में पब्लिक शेयर होल्डिंग 51 फीसदी है, उसे लिस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
नए बैंक के सीआरआर और एसएलआर में किसी तरह का कोई समझौता नहीं होगा। वरीयता सेक्टर को कर्ज देने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 3 साल का वक्त मिलेगा। नए बैंकों को कैपिटल एडीक्वेसी पूरा करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा। आरबीआई के अनुसार प्रोमोटरों को नए बैंकिंग लाइसेंस की अर्जी के साथ रोडमैप भी देना होगा। नए बैंक को प्रोमोटर समूह का नाम, ब्रैंड और लोगो इस्तेमाल करने की छूट होगी।
बीते 22 फरवरी को जब आरबीआई ने गाइडलाइंस जारी की थी, तो उसके बाद कई उम्मीदवारों ने इस पर कई तरह के स्पष्टीकरण मांगे थे। आरबीआई ने इस बारे में 7 मार्च को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बैंकिंग लाइसेंस गाइडलाइंस से जुड़े सवाल मंगाए थे और 3 जून को इन पर स्पष्टीकरण देने की बात कही थी।
आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक प्राइवेट और पब्लिक दोनों तरह की कंपनियां बैंकिंग लाइसेंस के लिए अर्जी दे सकती हैं। अर्जी देने के लिए बिजनेस समूह की पेड अप इक्विटी कैपिटल कम से कम 500 करोड़ रुपये होनी चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक अनिल अंबानी समूह, रेलिगेयर, एलएंडटी फाइनेंस, महिंद्रा फाइनेंस, श्रीराम कैपिटल, टाटा कैपिटल, बजाज फाइनेंस नए बैंकिंग लाइसेंस के प्रबल दावेदार हैं।
•होल्डिंग कंपनी में प्रोमोटर का हिस्सा कम से कम 51 फीसदी होगा
•सीआरआर और एसएलआर में नहीं मिलेगी कोई छूट
•अनिल अंबानी समूह, रेलिगेयर, एलएंडटी फाइनेंस, महिंद्रा फाइनेंस सहित कई चाह रहे हैं बैंकिंग लाइसेंस
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