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दो मासूमों की हत्या कर मां ने लगाई फांसी
नई दिल्ली। मंडावली में बुधवार दोपहर एक महिला ने दो मासूम बच्चों की हत्या कर फांसी लगा ली। छह वर्षीय बेटी को वाशिंग मशीन में और एक साल के बेटे को बाल्टी में डुबोकर मार दिया। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
सविता यादव (31) परिवार के साथ ए-334/2 बुद्धा मार्ग, मंडावली में रहती थी। इसके परिवार में पति देवेंद्र यादव, दोनों बच्चे, सास कलावती यादव (80), जेठ रविंद्र यादव, जेठानी अनिता व एक शादीशुदा ननद बबली है। ग्राउंड फ्लोर पर रविंद्र, मां और परिवार के साथ रहता है, जबकि पहली मंजिल पर पति के साथ सविता रहती थी। दूसरी मंजिल पर बबली पति के साथ रहती है। देवेंद्र पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक निजी कंपनी में टेक्सटाइल डिजाइनर है।
मंगलवार शाम देवेंद्र और उसकी पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। सुबह करीब 10.30 बजे देवेंद्र बिना नाश्ता किए चला गया। दोपहर करीब 1.15 बजे पत्नी ने फोन करके देवेंद्र को बताया कि वह मरने जा रही है। इसके बाद देवेंद्र घर आ गया। ऊपर पहुंचने पर उसने देखा कि घर का दरवाजा अंदर से बंद है। देवेंद्र दरवाजे की कुंडी तोड़कर अंदर पहुंचा तो देख्‍ाा कि पत्नी बेडरूम में पंखे से लटकी थी। जबकि दोनों बच्चे बाथरूम में मृत थे। सविता यादव (31) ने छह वर्षीय बेटी परिधरा को वाशिंग मशीन में और रुद्रश को बाल्टी में डुबोकर मार दिया था। पुलिस के साथ मौके पर पहुंची एफएसएल की टीम ने मौके से सबूत उठाए हैं। महिला के पति का परिवार मूलरूप से गाजीपुर (यूपी) का रहने वाला है। सविता की देवेंद्र से 2005 में शादी हुई थी।
आठ जून को था मासूम का जन्मदिन
बेटी को वाशिंग मशीन में, बेटे को बाल्टी में डुबोया
मंडावली की घटना, पति से हुआ था झगड़ा
शुरुआती जांच में पारिवारिक कलह का मामला लग रहा है, मामले की छानबीन की जा रही है।
अजय कुमार, पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त
शुजात आलम
नई दिल्ली। एक ही पल में देवेंद्र का पूरा परिवार बिखर गया...। देवेंद्र ने सपने में भी नहीं सोचा था कि पारिवारिक झगड़ा यह रूप ले लेगा। परिवार के मुताबिक आठ जून को रुद्रश का जन्मदिन था। घर में उसकी तैयारी भी चल रही थी। चलने-फिरने में अक्षम देवेंद्र की मां अपने पोते-पोती की मौत से गहरे में सदमे में है। परिवार के बाकी सदस्यों का भी यही हाल है।
देवेंद्र के पड़ोसी और दोस्त राजेश अग्रवाल ने बताया कि उसका परिवार बेहद साधारण है। 2005 में देवेंद्र की कालकाजी निवासी सविता से शादी हुई थी। शादी के कुछ समय बाद वह पति को लेकर अलग हो गई। मकान की पहली मंजिल पर रहने लगी। कुछ समय बाद इनके यहां बेटी हुई। बेटी परिधरा कुछ मंदबुद्धि थी। बुआ बबली ने आनंद विहार की एक संस्था में उसका इलाज कराया, जिससे वह पूरी तरह ठीक हो गई। पड़ोसी आलोक ने बताया कि सविता को अपने बच्चों से ज्यादा लगाव नहीं था। बच्चों को बुआ और दादी ने पाला था। छोटे-मोटे झगड़े के बाद सविता बच्चों को छोड़कर मायके चली जाती थी। पड़ोसी हीरालाल ने बताया कि शुरुआत से बड़े भाई रविंद्र ने पूरे परिवार का ख्याल रखा। उसने देवेंद्र और बहनों की शादी के बाद शादी की।

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