बंता एक दिन सुबह-सुबह संता के घर पहुंचा। देखा तो संता पट्टियों में लिपटा पलंग पर पड़ा था।
बंता : अरे, ये क्या हाल बना रखा है?
संता : यार, कल 10 लोगों की भीड़ ने मुझे मिलकर पीटा...
बंता : तो तूने फिर क्या किया?
संता : मैंने उनसे कहा, 'अबे एक-एक करके आओ... फिर देखो मैं तुम्हारी कैसे ऐसी की तैसी करता हूँ।
बंता : फिर क्या हुआ?
संता : फिर क्या? फिर सबने एक-एक कर के दोबारा मुझे पीटा।
बंता : अरे, ये क्या हाल बना रखा है?
संता : यार, कल 10 लोगों की भीड़ ने मुझे मिलकर पीटा...
बंता : तो तूने फिर क्या किया?
संता : मैंने उनसे कहा, 'अबे एक-एक करके आओ... फिर देखो मैं तुम्हारी कैसे ऐसी की तैसी करता हूँ।
बंता : फिर क्या हुआ?
संता : फिर क्या? फिर सबने एक-एक कर के दोबारा मुझे पीटा।
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