health

health
प्रीति का शव नरेला पहुंचते ही लगाया जाम
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। मुंबई में तेजाब हमले में गंभीर रूप जख्मी प्रीति आखिर जिंदगी से हार गई। सोमवार सुबह जैसे ही उसका शव नरेला पहुंचा कोहराम मच गया।
गुस्साए परिवार वाले और अन्य लोगों ने नरेला रोड जाम कर दिया। उनका कहना था कि जब तक उनकी पांच मांगें नहीं मानी जाएगी वह प्रीति का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। क्षेत्रीय एसडीएम के लिखित आश्वासन के बाद लोग माने।
प्रीति (25) का शव सोमवार सुबह विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। नरेला स्थित बीबीएमबी पावर हाउस कॉलोनी स्थित उसके घर पर पहले से ही लोगों की भीड़ थी। कुछ देर बाद स्थानीय विधायक जसवंत राणा, निगम पार्षद और आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंच गए।
प्रीति के पिता अमर सिंह ने बेटी का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उन्होंने सरकार से मामले की जांच सीबीआई से कराने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने सहित पांच मांगें रख दीं। इसे पूरा करने के लिए आधे घंटे का समय दिया। आधा घंटा बीतने के बाद प्रीति के शव को लेकर नेशनल हाइवे के लिए निकल गए। बीच में ही भारी संख्या में तैनात किए पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया।
परिवार वाले वहीं सड़क पर शव रखकर अपनी मांगों के लिए अड़ गए। शाम करीब चार बजे क्षेत्रीय एसडीएम अजय अरोड़ा मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में युवती के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शाम में सैकड़ों लोगोें ने मृतका की आत्मा की शांति के लिए कैंडल मार्च निकाला। कई सामाजिक संस्थाओं व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओें ने युवती को राष्ट्रीय सम्मान देने की मांग की।
पवन को 26 दिन में भी आरोपी नहीं ठहरा पाई मुंबई पुलिस
अनिल शर्मा
रोहतक। मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर एसिड हमले और उसके बाद अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ने वाली प्रीती राठी पर एसिड डालने के आरोपी पवन पर 26 दिन बाद भी मुंबई पुलिस कोई आरोप तय नहीं कर पाई है। इसे लेकर आरोपी के परिजनों ने भी मुंबई पुलिस की कारवाई पर सवाल उठाएं हैं।
आरोपी के परिजनों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और अगर पवन दोषी है तो उसे तुरंत फांसी दी जाए। परिजनों ने बताया कि पवन ने हादसे के बारे में जानकारी लेने के लिए घटना के दो दिन बाद प्रीती की बहन को फोन किया था। पुलिस ने इस कॉल डिटेल के आधार पर उसे हिरासत में ले रखा है।
गौरतलब है कि सात मई को मुंबई पुलिस की एक टीम ने सेक्टर दो रोहतक निवासी आजाद सिंह के बेटे बी टेक के छात्र पवन को हिरासत में लिया था। पुलिस टीम ने परिजनों को बताया था कि पवन ने बांद्रा रेलवे स्टेशन पर एक युवती पर एसिड डाला है। एक जून को एसिड पीड़िता प्रीती राठी की उपचार के दौरान मौत हो गई। पवन 26 दिन से मुंबई पुलिस की हिरासत में है। अभी तक पुलिस उसके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं जुटा पाई है।
आरोपी के पिता आजाद सिंह का कहना है कि उसके बेटे ने हादसे के बारे में पता करने के लिए प्रीती की बहन को फोन किया था और वह घटना के वक्त घर पर ही था। परिजनों ने बताया कि प्रीती का परिवार और पवन के ताउ नरेला में पड़ोसी हैं, जिसके चलते दोनों परिवारों में अच्छे संबंध रहे हैं। आरोपी के परिजनों ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। इस मामले में पवन कहीं भी दोषी पाया जाता है तो उसे तुरंत फांसी दी जाए। उन्होंने मांग की कि मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए।
मुंबई में तेजाब हमले में जिंदगी से हार गई
सीबीआई जांच के आश्वासन पर माने परिजन
गांव में भी गम
रेवाड़ी। सेना के मेडिकल कोर में चयनित लेफ्टीनेंट नर्स प्रीति राठी के निधन का समाचार मिलते ही जिले के बालावास गांव में शोक की लहर दौड़ गई। समाचार मिलते ही मृतका के ताऊ दाता राम परिवार को लेकर दिल्ली रवाना हो गए। ब्यूरो
नरेला में अंतिम संस्कार के लिए कहा था
नई दिल्ली। मुंबई में
उपचार के दौरान जब प्रीति की तबीयत बिगड़ने लगी तो उसने परिजनों से कागज और पेन की मांग की। उसने कागज पर लिखा कि अगर उसकी मौत हो जाती है तो उसका अंतिम संस्कार नरेला में ही किया जाए। ब्यूरो
कहां और कैसे घटी घटना
नई दिल्ली। नरेला निवासी अमर सिंह राठी की बड़ी बेटी प्रीति ने दिल्ली के बत्रा अस्पताल से नर्स का कोर्स किया था। उसे दो मई को मुंबई के कोलाबा स्थित इंडियन नेवी अस्पताल में ज्वाइन करना था। बांद्रा टर्मिनल स्टेशन पर किसी ने उस पर तेजाब फेंक दिया।
ब्यूरो
प्रीति का फाइल फोटो (बाएं)। बीच सड़क पर शव रखकर बैठे परिजन और आसपास के लोग (दाएं)।
सात मई को रोहतक से गिरफ्तार किया था बीटेक का छात्र
आरोपी के पिता ने कहा, दोषी हो तो बेटे को दे दो फांसी
खबर लेने को पवन ने किया था प्रीति की बहन को फोन

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.