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भूख से तड़प रहे हजारों लोग, चार दिन से अन्न का दाना तक नसीब नहीं 62 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री अब भी विभिन्न जगहों पर फंसे हुए हैं
 अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में तबाही का कोई ओर-छोर नहीं दिख रहा है। गांव के गांव बह जाने की सूचना मिल रही है। सेना और अन्य एजेंसियां राहत और बचाव अभियान में जुटी हैं, लेकिन जन-धन के भारी नुकसान के बीच फिलहाल हर कोशिश कम पड़ रही है। केदारघाटी और अन्य जगहों पर 62 हजार से ज्यादा लोग अब भी फंसे हैं। इनमें से ज्यादातर चार दिन से भूखे हैं। सैकड़ों लोग लापता हैं।
150 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, लेकिन मरने वालों की संख्या हजारों में होने की आशंका जताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक केदारघाटी में जगह-जगह लोगों के शव पड़े हैं। रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में भोजन के बिना फंसे लोगों की हालत बिगड़ रही है। सबसे खराब स्थिति केदारघाटी की है।
सोनप्रयाग, गौरीकुंड, गुप्तकाशी, फाटा में फंसे सैकड़ों लोगों को चार दिन से खाने के लिए अन्न का एक दाना तक नसीब नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि गौरीकुंड में फंसे करीब चार हजार लोगों में से कई की हालात गंभीर बनी हुई है। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 17 किमी क्षेत्र में कई लोग जंगलों में फंसे हैं।
घिनुरपाणी में एक हजार और गुप्तकाशी में चार हजार लोग फंसे हैं। सोनप्रयाग में लोग टापू पर फंसे हुए हैं। फंसे लोगाें की संख्या देखते हुए प्रशासन ने 10 हजार के बजाय 25 हजार खाने के पैकेट की मांग की है। प्रमुख सचिव राकेश शर्मा के मुताबिक बुधवार को जगह-जगह खाने के पैकेट गिराए गए हैं।
पहाड़ों पर प्रलय...
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अलग-थलग पड़े गांव
उत्तरकाशी में बाढ़ के कारण दर्जनाें गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। यहां रसद का संकट गहराने लगा है। गंगोत्री हाईवे पर जगह-जगह फंसे चार हजार से ज्यादा यात्रियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है। गंगनानी, सुनगर, डबराणी के ढाबों में राशन खत्म होने पर यात्री जीवन बचाने के लिए निकटवर्ती गांवों में पहुंच रहे हैं। गांव वालों ने पहले तो यात्रियों को गांव में शरण दी, लेकिन अब उनके घर का ही राशन खत्म होने लगा है। गांव वाले यात्रियों को जंगली सब्जियों की पहचान बताकर जीवन बचाने के लिए उन्हें खाने की सलाह दे रहे हैं।
नई दिल्‍ली । बृहस्पतिवार । 20 जून 2013
प्रधानमंत्री और सोनिया ने देखा तबाही का मंजर
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को हवाई सर्वे कर उत्तराखंड में तबाही का मंजर देखा। प्रधानमंत्री बाढ़ और बारिश से तबाही के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए एक हजार करोड़ रुपये राहत राशि देने की घोषणा की, जिसमें 145 करोड़ रुपये तत्काल जारी किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आपदा में मारे गए लोगों के आश्रितों को दो लाख, घायलों को 50 हजार रुपये की मदद का ऐेलान किया है। जिनके मकान बह -ढह गए हैं उन्हें भी 50 हजार से एक लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी।
राजधानी
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वर्ष 11 अंक 71, पृष्ठ ः 18 मूल्य ः तीन रुपये
मदद को आगे आए राज्य
पंजाब ने हेमकुंड साहिब में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए भेजा हेलीकॉप्टर
महाराष्ट्र सरकार ने राहत कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये देने का किया ऐलान
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 25 करोड़ की मदद की घोषणा की
कई राज्यों ने अपने यहां के फंसे तीर्थयात्रियों की मदद के लिए टीमें भी तैनात की हैं और हरसंभ्‍ाव सहायता देने के लिए कहा है

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