Fatty Liver Symptoms Causes And Treatment in Hindi
फैटी लिवर लक्षण कारण बचाव व उपचार
भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति के लिवर में ज़रुरत से अधिक फैट है और हर 10 में से एक व्यक्ति को . इसलिए यह बेहद ज़रूरी हो जाता है कि हम इस बीमारी से जुड़ी ज़रूरी बातों को समझें और अपनी सेहत को लेकर सावधान रहें.
फैटी लिवर डिजीज क्या होती है? What is Fatty Liver Disease in Hindi ?
लिवर हमारी बॉडी का दूसरा सबसे बड़ा ऑर्गन होता है लिवर का वजन लगभग डेढ़ किलो का होता है और यह शरीर का बेहद ज़रूरी अंग है. इसका काम हर एक चीज जो हम खाते या पीते हैं को प्रोसेस करने का होता है, साथ ही ये कई तरह के हानिकारक पदार्थों को हमारे खून से फ़िल्टर करता है.
हम जो भी भोजन करते हैं उससे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों को प्रोसेस करने का काम लिवर ही करता है. अगर लिवर ठीक से काम ना करे तो शरीर का मेटाबोलिक बैलेंस भी गड़बड़ हो जाता है.
आमतौर पर लिवर खराब हुए सेल्स की जगह नए लिवर सेल्स बना कर खुद को रिपेयर कर लेता है. लेकिन बार-बार डैमेज होने पर वह खुद को ठीक नहीं कर पाता और ऐसे में scar tissue normal liver tissue को replace कर देता है. इस कंडीशन को Cirrhosis (सिरोसिस) कहते हैं.
हालांकि, पता चलते ही इसका इलाज कराना ज़रूरी है नहीं तो बहुत अधिक progress होने पर यह बीमारी liver को स्थायी रूप से नुक्सान पहुंचा सकती है.
फैटी लिवर के लक्षण / Fatty Liver Symptoms in Hindi?
फैटी लिवर के लक्षण बहुत साफ़ नहीं होते. अक्सर जिन्हें ये बीमारी होती है उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं चलता. इससे जुड़े लक्षण सामने आने में सालों लग सकते हैं.
हालांकि, लिवर में अधिक फैट का होना उसमे सूजन ला सकता है और तब आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
- थकान लगना
- वजन घटना
- भूख ना लगना
- कमजोरी
- जी मिचलाना
- भ्रम होना
- ध्यान केन्द्रित करने में दिक्कत होना
- लिवर का साइज़ में बढ़ जाना
- पेट के उपरी हिस्से या बीच में दर्द होना
- आपकी गर्दन पर या आपकी बाहों के नीचे की त्वचा में गाढ़े रंग का पैच होना
नोट: यदि शराब पीने के बाद आपको इन लक्षणों में बढ़ोतरी नज़र आती है तो आपको alcoholic liver disease हो सकती है.
इसके अलावा यदि फैटी लिवर डिजीज सिरोसिस या लिवर फेलियर में progress हो रही है तो आपको ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
- पहले से बढ़ा, तरल पदार्थ से से भरा पेट
- त्वचा और आंखों में पीलापन होना
- उलझन
- अधिक आसानी से खून बहने की प्रवृत्ति
फैटी लिवर होने के कारण? / Fatty liver causes in Hindi ?
फैटी लिवर होने का सबसे आम कारण है शराब पीना. हालांकि, जो लोग शराब नहीं पीते हैं उन्हें भी फैटी लिवर हो सकता है.
फैटी लिवर तब डेवलप होता है जब बॉडी बहुत अधिक फैट बनाती है या बने हुए फैट को तेजी से मेटाबोलाइज नहीं कर पाती है. ऐसा होने पर जो excess fat होता है वह liver cells में इकठ्ठा हो जाता है और इस तरह से व्यक्ति को फैटी लिवर की बीमारी हो जाती है.
- मोटापा
- हाइपरलिपिडाइमिया, या रक्त में वसा का उच्च स्तर
- मधुमेह
- आनुवंशिक
- तेजी से वजन घटना
- एस्पिरिन, स्टेरॉयड, टैमोक्सिफेन, आदि दवाओं का साइड इफेक्ट
फैटी लिवर के प्रकार / Types of fatty liver?
फैटी लिवर बीमारी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं-
- Nonalcoholic ( नॉनअल्कोहलिक – यानी जिसका कारण शराब ना हो)
- Alcoholic ( अल्कोहलिक – यानी जिसका कारण शराब हो)
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज
Nonalcoholic fatty liver disease (NAFLD) तब होती है जब लिवर को फैट्स break-down करने में दिक्कत होती है, जिस कारण से लिवर टिशूज में फैट्स इकठ्ठा हो जाता है. जब लिवर के कुल वजन का 10% से अधिक हिस्सा fat हो जाता है तब उसे NAFLD के रूप में डायग्नोज किया जाता है.
And of course नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारी का कारण अल्कोहल या शराब नहीं बल्कि कुछ और होता है, जिसके बारे में बहुत अधिक clarity नहीं है.
अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज
Alcoholic fatty liver शराब से संबधित लिवर की बीमारी की शुरूआती स्टेज है. अधिक शराब पीने से लिवर खाराब हो जाता है और फैट्स का विभाजन नहीं कर पाता है. ऐसा होने पर शराब छोड़ना बेहद ज़रूरी है. आमतौर शराब छोड़ देने पर डेढ़ से दो महीने के अन्दर अतिरिक्त फैट ख़त्म हो जाता है.
इन दो प्रमुख प्रकारों के आलावा फैटी लिवर की बीमारी निम्न प्रकारों की भी हो सकती है-
- Nonalcoholic steatohepatitis (NASH) / नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहैपेटाइटिस
- Alcoholic steatohepatitis (ASH) / अल्कोहलिक स्टीटोहैपेटाइटिस
- Acute fatty liver of pregnancy / गर्भावस्था के दौरान होने वाला फैटी लिवर
NASH और ASH में लिवर में स्वेल्लिंग हो जाती है. थकान होना, पेट में दर्द, वजन कम होना इसके लक्षण हैं. आमतौर पर 40 से 50 साल के लोगों को यह बीमारी होती है.
बहुत rare मामलों में गर्भावस्था के दौरान महिला को फैटी लिवर हो सकता है. ऐसा होने पर लगातार उलटी होना, पीलिया होना और पेट में दर्द की शिकायत हो सकती है. जयादातर औरतें डिलिवरी के बाद इस बीमारी से निजात पा जाती हैं.
फैटी लिवर होने का खतरा किसे अधिक होता है?
- ऐसे लोगों को जिनका वजन अधिक है या जो obese category में आते हैं. ( Read: कैसे जानें आपका वज़न सही है या नहीं?)
- ऐसे लोगों को जिन्हें type 2 डायबिटीज है ( पढ़ें: कैसे करें डायबिटीज कंट्रोल?)
- अधिक शराब पीने वाले लोगों को
- कुछ ख़ास तरह की दवाओं जैसे कि acetaminophen (Tylenol), antidepressants, इत्यादिका recommended dose से अधिक सेवन करने वालों को
- Pregnant महिलाओं को
- ऐसे लोग जिनक cholesterol हाई है.
- Malnutrition से affected लोगों को
फैटी लिवर का पता कैसे चलता है? / Fatty Liver Diagnosis in Hindi
- फिजिकली इग्जामिन करके
यदि आपका लिवर सूजा हुआ है, तो डॉक्टर आपके पेट को देखकर बढे हुए लिवर का पता लगा सकता है. इसके आलावा बाकी सिम्पटम्स देखकर वह इस निष्कर्ष पर पहुँच सकता है कि आपको फैटी लिवर है या नहीं.
यदि आपको भूख ना लग रही हो या थकावट महसूस हो रही हो तो डॉक्टर को ज़रूर बताएँ. साथ ही अगर आप अल्कोहल लेते हों, या कोई दवा या सप्लीमेंट खा रहे हों तो डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी दें.
- Blood tests खून की जांच
यदि रूटीन ब्लड टेस्ट में लिवर एंजाइम सामन्य से अधिक आते हैं तो आपको फैटी लिवर हो सकता है. हालांकि, liver enzymes बढ़ने की और भी वजहें हो सकती हैं इसलिए फैटी लिवर कन्फर्म करने के लिए और भी जांच की ज़रुरत पड़ सकती है.
- अल्ट्रासाउंड / CT Scan / MRI
डॉक्टर आपको ultrasound, CT scan या MRI के लिए भी कह सकता है. यदि आपके लिवर में अतिरिक्त फैट होगा तो वो इमेज में white area के रूप में दिखाई देगा.
इन Imaging studies से डॉक्टर को ये तो पता चल जाएगा कि आपका लिवर फैटी है या नहीं पर ये नहीं पता चलेगा कि लिवर को कितना नुक्सान पहुँच चुका है.
- Liver biopsy लिवर बायोप्सी
फैटी लिवर का पता करने का पक्का तरीका लिवर बायोप्सी है. इसमें डॉक्टर एक सुई के माध्यम से परिक्षण के लिए लिवर का tissue निकाल लेता है. इस परीक्षण से ये भी पता चल जाता है कि फैटी लिवर होने का कारण क्या है.
फैटी लिवर का इलाज / Fatty liver treatment in Hindi?
फैटी लिवर को ठीक करने के लिए कोई specific दवा या सर्जरी नहीं है. बल्कि डॉक्टर आपको इस बीमारी के risk factors घटाने के सुझाव देगा. जैसे कि-
- अल्कोहल का सेवन कम या बंद करना
- अपने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना
- चीनी और सैचुरेटेड फैटी एसिड का सेवन कम करना
- वजन घटना
- ब्लड सुगर को नियंत्रित करना
- शारीरिक श्रम करना
- कुछ खानों से परहेज करना
- ताजे फल व सब्जियां खाना
- रेड मीट की जगह चिकन या फिश खाना
कितना घातक हो सकता है फैटी लिवर?
चूँकि फैटी लिवर के लक्षण बहुत साफ़ नहीं होते इसलिए इस बीमारी का जल्दी पता नहीं चलता. लेकिन पता लगने के बाद आप सही कदम उठा कर इस बीमारी को कण्ट्रोल कर सकते हैं.
जायदातर फैटी लिवर के मामले लिवर डिजीज में नहीं बदलते क्योंकि बहुत हद्द तक लिवर खुद को रिपेयर करने में सक्षम होता है. लेकिन इसके लिए आपको लिवर का साथ देना होगा और वो साथ तब मिलेगा जब आप अपना कोलेस्ट्रोल, मधुमेध, मोटापा आदि नियंत्रण में रखें.
अगर आप शराब के आदि हैं तो आपको शराब पीना छोड़ना होगा या कम से कम अपना alcohol intake बहुत कम करना होगा.
लेकिन अगर सबकुछ कर लेने पर भी फैटी लिवर रिवर्स नहीं हुआ तो यह लिवर डिजीज और सिरोसिस में तब्दील हो सकता है.
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर comparatively कम खतरनाक होता है और अधिकतर मामलों में liver scarring या cirrhosis में नहीं बदलता है.
लेकिन अल्कोहलिक फैटी लिवर के मामले में अगर पता लगने में देर हुई या पता लगने पर भी व्यक्ति शराब का सेवन करता रहा तो लिवर डैमेज होने और सिरोसिस होने का चांस बहुत बढ़ जाता है.
फैटी लिवर से बचाव / Fatty liver prevention in Hindi?
फैटी लिवर से बचना है तो लिवर का ख़याल रखना होगा. जिसके लिए आप ये चीजें कर सकते हैं-
- शराब का सेवन ना करें या moderately करें. मॉडरेटली यानी पुरुषों के लिए अधिक से अधिक 2 drinks per day और महिलाओं के लिए 1 drink per day.
- डायबिटीज ना हो तो बहुत अच्छा लेकिन अगर है तो इसमें जरा भी लापरवाही ना बरतें
- Cholestrol होने पर भी उसका सही इलाज कराएं
- रोज कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें
- अपना Body Mass Index (BMI) सही रखें
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