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यूनिसेफ के सर्वे में दुनिया की 47 फीसदी महिलाओं ने पिटाई को ठहराया जायज
...तो पति को है पिटाई करने का स्वाभाविक हक
हिमांशु मिश्र
नई दिल्ली। घरेलू हिंसा के खिलाफ दुनिया भर में चल रही मुहिम के बीच खुद महिलाओं ने पति के हाथों पिटाई को मौन स्वीकृति दे डाली है। यूनिसेफ के एक सर्वेक्षण में यह कड़वा सच सामने आया है कि दुनिया की 47 फीसदी न सिर्फ पति की डांट फटकार बल्कि पिटाई को भी जायज मानती हैं।
भारत की स्थिति तो और भी जटिल है। यहां की 54 फीसदी महिलाएं मानती हैं कि कुछ मुद्दों पर पति को पत्नी की पिटाई करने का हक है। मुद्दे भी मामूली हैं। मसलन समय पर खाना न देना, खाने में नमक तेज होना, पति के घर पहुंचने पर तत्काल पानी न देना।
यूनिसेफ ने महिलाओं की स्थिति पर बीते एक दशक में दुनिया भर में हुए सर्वेक्षणों का दिलचस्प आंकड़ा जारी किया है। इस मामले में सर्वाधिक बुरी स्थिति अफगानिस्तान और जॉर्डन की है। इन देशों की 90 फीसदी महिलाएं कुछ मुद्दों पर पति की पिटाई और डांट फटकार को बुरा नहीं मानती। समाजशास्त्रियों का मानना है कि इसके पीछे पालन पोषण के दौरान परिवार के माध्यम से मिले संस्कार हैं, जहां पति को बहुत ऊंचा ओहदा मिला हुआ है। इस संबंध में यूनिसेफ ने वर्ष 2002 से वर्ष 2011 के दौरान विभिन्न एजेंसियों द्वारा महिलाओं की स्थिति पर दुनिया भर में किए गए सर्वेक्षणों के नतीजे जारी किए हैं। इस मामले में सर्वाधिक बुरी स्थिति दक्षिण एशियाई देशों की है। पूरे दक्षिण एशिया की 52 फीसदी महिलाएं और 49 फीसदी पुरुष पत्नी की पिटाई को बुरा नहीं मानते।
समाजशास्त्री प्रोफेसर इम्तियाज अहमद और रजनी नागपाल इसके लिए पारिवारिक संस्कार को जिम्मेदार ठहराते हैं।
बांग्लादेश-नेपाल से भी पीछे भारत
भारत की स्थिति बांग्लादेश और नेपाल से भी गई गुजरी है। भारत में 54 फीसदी महिलाओं और 51 फीसदी पुरुषों की यही मानसिकता है। जबकि बांग्लादेश में 36 फीसदी महिलाओें और पुरुषों ने पिटाई को जायज ठहराया और नेपाल में तो 23 फीसदी महिलाएं और 22 फीसदी पुरुष ही पिटाई के पक्ष में हैं।
भारत या दक्षिण एशियाई देशों में शुरू से ही पति को एक खास ओहदा हासिल है। परिवार में वही सर्वोच्च है और उसके लिए ना जैसा शब्द बहुत बड़ी गलती मानी जाती है। -इम्तियाज अहमद, समाजशास्त्री प्रोफेसर
2002 से 2011 के दौरान महिलाओं की स्थिति पर कराया गया सर्वेक्षण, दक्षिण एशियाई देशों की स्थिति सर्वाधिक बुरी
90%
अफगानिस्तानी और जॉर्डन की महिलाएं पिटाई को मानती हैं जायज
54%
भारतीय महिलाओं को स्वीकार है पति की पिटाई
52%
महिलाएं दक्षिण एशिया में नहीं मानती पिटाई
को बुरा

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