जानिए, कैसे लिखी गई सरबजीत की मौत की स्क्रिप्ट
नई दिल्ली/विजय जैन | अंतिम अपडेट 2 मई 2013 7:15 AM IST पर
आखिरकार सरबजीत सिंह जिंदगी की जंग हार गया। पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से आई खबर के मुताबिक सरबजीत ने देर रात एक बजे दम तोड़ दिया।
भारतीय खुफिया एजेंसियों की जांच में यह साफ पता चला है कि मुंबई हमले के दोषी कसाब की फांसी के बाद से ही सरबजीत को जान से मारने की रणनीति बनाई जा रही थी।
सरबजीत पर हमला करने वाले मुद्दशर और आमिर अफताब तरहरीक-ए-तालिबान से जुड़े हैं और लश्कर के लिए काम करते हैं।
�
दोनों 2005 और 2009 से संगीन मामलों में इसी जेल में बद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफजल की फांसी के बाद तालिबान ने लश्कर पर दबाव बढ़ा दिया कि सरबजीत पर हमला कराया जाए।
इस बात की संभावना भी जताई गई है कि पाकिस्तान में चुनाव के बाद भारतीय प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का दौरा हो सकता था और इस दौरान सरबजीत की रिहाई पर विचार हो सकता था।
चूंकि अभी पाकिस्तान की हुकूमत एक तरीके से लाचार और ढीली-ढाली है। जाहिर है, इस वक्त को चुनने में लश्कर और तरहरीक-ए-तालिबान के आकाओं ने देर नहीं की और कोट लखपत जेल में बंद अपने लोगों को इसे अंजाम देने का निर्देश दिए।
किसने कराया हमला?
सरबजीत पर हमले के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने जेल सुपरिटेंडेंट के कहने पर इस भारतीय कैदी पर हमला किया था, जबकि लाहौर के डीआईजी ने अपनी रिपोर्ट में इस हमले की वजह अचानक कैदियों के बीच बदले की भावना से हुई झड़प बताया था।
सोची समझी साजिश
इस बीच, ऐसी भी खबर आई कि सरबजीत पर हमला लश्कर-ए-तैयबा की सोची-समझी साजिश के तहत हुआ है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों की गोपनीय रिपोर्ट में यह खुलासा किया। गृह मंत्रालय के आला सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट ने लाहौर के डीआईजी की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था।
पाकिस्तान ने दबाई जानकारी
पाकिस्तान लगातार सरबजीत के बारे में जानकारी दबा रहा है। जिन्ना अस्पताल के डॉक्टरों ने पहले सरबजीत को 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया फिर कुछ घंटों के बाद सफाई दी गई कि सरबजीत 'ब्रेन डेड' नहीं है।
पाकिस्तान पर पहले से ऐसा शक जताया जा रहा है कि वह सरबजीत की मौत की बात छिपा रहा है।
मंगलवार को एससी-एसटी कमीशन के अध्यक्ष राजकुमार वीरका ने बताया कि उनकी दलबीर कौर से बातचीत हुई है। डॉक्टरों ने उन्हें सरबजीत के 'ब्रेन डेड' होने की जानकारी दी है।
सरबजीत के वकील के मुताबिक डॉक्टरों ने पूछा कि क्या सरबजीत को वेंटिलेटर से हटाया जाए तो परिवारवालों ने कहा कि नहीं, सरबजीत को वेंटिलेटर पर ही रहने दिया जाए।
ऐसे में अगर परिवार वेंटिलेटर से हटाने की इजाजत दे देता है तो सरबजीत की मौत का ऐलान हो जाएगा।
भारतीय खुफिया एजेंसियों की जांच में यह साफ पता चला है कि मुंबई हमले के दोषी कसाब की फांसी के बाद से ही सरबजीत को जान से मारने की रणनीति बनाई जा रही थी।
सरबजीत पर हमला करने वाले मुद्दशर और आमिर अफताब तरहरीक-ए-तालिबान से जुड़े हैं और लश्कर के लिए काम करते हैं।
�
दोनों 2005 और 2009 से संगीन मामलों में इसी जेल में बद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफजल की फांसी के बाद तालिबान ने लश्कर पर दबाव बढ़ा दिया कि सरबजीत पर हमला कराया जाए।
इस बात की संभावना भी जताई गई है कि पाकिस्तान में चुनाव के बाद भारतीय प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का दौरा हो सकता था और इस दौरान सरबजीत की रिहाई पर विचार हो सकता था।
चूंकि अभी पाकिस्तान की हुकूमत एक तरीके से लाचार और ढीली-ढाली है। जाहिर है, इस वक्त को चुनने में लश्कर और तरहरीक-ए-तालिबान के आकाओं ने देर नहीं की और कोट लखपत जेल में बंद अपने लोगों को इसे अंजाम देने का निर्देश दिए।
किसने कराया हमला?
सरबजीत पर हमले के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने जेल सुपरिटेंडेंट के कहने पर इस भारतीय कैदी पर हमला किया था, जबकि लाहौर के डीआईजी ने अपनी रिपोर्ट में इस हमले की वजह अचानक कैदियों के बीच बदले की भावना से हुई झड़प बताया था।
सोची समझी साजिश
इस बीच, ऐसी भी खबर आई कि सरबजीत पर हमला लश्कर-ए-तैयबा की सोची-समझी साजिश के तहत हुआ है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों की गोपनीय रिपोर्ट में यह खुलासा किया। गृह मंत्रालय के आला सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट ने लाहौर के डीआईजी की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था।
पाकिस्तान ने दबाई जानकारी
पाकिस्तान लगातार सरबजीत के बारे में जानकारी दबा रहा है। जिन्ना अस्पताल के डॉक्टरों ने पहले सरबजीत को 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया फिर कुछ घंटों के बाद सफाई दी गई कि सरबजीत 'ब्रेन डेड' नहीं है।
पाकिस्तान पर पहले से ऐसा शक जताया जा रहा है कि वह सरबजीत की मौत की बात छिपा रहा है।
मंगलवार को एससी-एसटी कमीशन के अध्यक्ष राजकुमार वीरका ने बताया कि उनकी दलबीर कौर से बातचीत हुई है। डॉक्टरों ने उन्हें सरबजीत के 'ब्रेन डेड' होने की जानकारी दी है।
सरबजीत के वकील के मुताबिक डॉक्टरों ने पूछा कि क्या सरबजीत को वेंटिलेटर से हटाया जाए तो परिवारवालों ने कहा कि नहीं, सरबजीत को वेंटिलेटर पर ही रहने दिया जाए।
ऐसे में अगर परिवार वेंटिलेटर से हटाने की इजाजत दे देता है तो सरबजीत की मौत का ऐलान हो जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें